भारतीय जनता पार्टी यूं तो कागजी घोड़े दौड़ाने में माहिर है ऐसा ही मामला पवई विधानसभा में मोटू बांध का निर्माण पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में कराया गया लेकिन यह 84 करोड़ की लागत से बना बांध पहली बरसात ही नहीं झेल पाया और जमीजों हो गया इस डैम के फूटने के बाद आज तक प्रशासन के अधिकारी मूकदर्शक बनकर बैठे क्यों डैम बनाने वाले कें उपर FIR नहीं हुई बसूली क्यों नहीं हुई कारण क्या
इतना ही नहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाए कि पिचिंग अच्छी नहीं थी मिट्टी डालकर बांध के आकार का स्वरूप दिया गया अगर तरीके से बनाया गया होता तो यह बांध नहीं फूटा।
अगर यह बांध सही सलामत रहता तो पहाड़ के नीचे के गांव जहां पर पीने के पानी की इतनी भीषण समस्या है। समस्याओं से निजात मिलता लेकिन नहीं पूर्व में पवई विधायक रहे और आज वर्तमान में खनिज मंत्री के रूप में माननीय श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के कार्यकाल में यह बांध का निर्माण हुआ था लेकिन मंत्री जी भी चुप है क्यों
इस प्रकार के कारनामे शासन के नुमाइंदों के द्वारा आम बात है बांध वरना फूट जाना या राशि आहरण हो जाना कार्य पूरे ना होना यह भाजपा शासनकाल में आम बात है अधिकारी किसी की नहीं सुनते।
शासन की अधिकारी ही कर रहे गुमराह कहते हैं कि अब फॉरेस्ट की जमीन है अगर फॉरेस्ट की जमीन थी तो फिर इतना बड़ा सैंक्शन कैसे निर्माण कैसे क्या तब फॉरेस्ट की जमीन नहीं थी अब तो पल्ला झाड़ने वाली बात
अधिकारी कैमरे के सामने आने से मना करते
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