Final Year Exams : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी या नहीं यह बात सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर है। उम्मीद है कि आज 24 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुना देगा। इससे पहले 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने सभी पक्षों को अंतिम दलीलें लिखित में पेश करने के लिए तीन दिन वक्त और दिया था।
परीक्षाएं रद्द होने की संभावना कम- सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से जेईई और नीट परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग वाली याचिका हाल में खारिज कर दी थी उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी रद्द नहीं होंगी। हालांकि इस सुप्रीम का फैसले का ही इंतजार करना होगा।
यूजीसी ने 6 जुलाई को जारी की संशोधित गाइडलाइन्स- आपको बता दें कि यूजीसी ने 6 जुलाई को संशोधित गाइडलाइन्स जारी की थी जिसमें सितंबर अंत तक सभी कॉलेजों/विश्वविद्यालयों की स्नानतक व परास्नातक फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराना अनिवार्य बताया गया था। यूजीसी की इसी गाइडलाइन्स को देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
कोरोना संक्रमण के डर से परीक्षाएं रद्द करने की मांग- यूजीसी द्वारा फाइनल ईयर की परीक्षाएं अनिवार्य करने वाले दिशा-निर्देशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर छात्रों की ओर कहा गया है कि देशभर में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। ऐसे में परीक्षाएं कराने से छात्रों के स्वास्थ्य/जीवन को खतरे में डालना होगा। अत: यूजीसी की गाइडलाइन्स को रद्द कर बिना परीक्षा के ही रिजल्ट घोषित करने का निर्देश दिया जाए।
खासकर दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले पर लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। इन सरकारों ने दलील दी है कि ऐसे हालात में परीक्षाएं आयोजित कराना संभव नहीं होगा।
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