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अनाधिकृत रूप से रेस्टोरेंट को बंद कराने के मामले में एसडीएम सहित अन्य अधिकारी को किया तलब


जबलपुर। संविधान का उक्त अनुच्छेद यह भेद नहीं कर सकता कि व्यक्ति केवल दिन में ही व्यवसाय कर सकता है। इस मौलिक अधिकार पर केवल विधि द्वारा ही यथोचित बंधन किए जा सकते हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की एकलपीठ ने है। बस स्टैंड जगदीश होटल के संचालक विनोद तिवारी ने याचिका दायर कर तथ्य प्रस्तुत किए कि याचिकाकर्ता के रेस्टोरेंट में मध्यरात्रि पर यात्री मरीजों के स्‍वजनों को भोजन की आवश्यकता होती है परंतु मदन महल टीआइ नीरज वर्मा याचिकाकर्ता को प्रताड़ित कर रहे हैं। याचिकाकर्ता का रेस्टोरेंट रात 11 बजे बंद करा दिया जाता है जबकि उसी थाना क्षेत्र में रात 1 बजे तक शराब की दुकान खुली रहती है। तर्क: संविधान के अनुच्छेद 19 जी का उल्लंघन याचिकाकर्ता के अनुसार भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 जी में व्यापार करने का मूलभूत अधिकार हर नागरिक को प्राप्त है। मध्य प्रदेश दुकान स्थापना अधिनियम 1958 में भोजनालयों को रात 2 बजे तक रहने की अनुमति प्रदान की गई है और इस अधिनियम के अंतर्गत भी पुलिस को कोई अधिकार नहीं की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से प्रशान्त अवस्थी, आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला, अपूर्व त्रिवेदी, निशीथ पाल, आशीष कुमार तिवारी पैरवी कर रहे हैं।

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