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अबूझ मुहूर्त में चुपचाप कर रहे थे नाबालिक लड़की का विवाह, प्रशासन ने रोका विवाह


जबलपुर। अक्षय तृतीया हिन्दू पंचांग में वर्णित उन में से एक हैं जिस दिन उन लोगों की शादियां भी हो जाती हैं जिनकी शादी के मुहूर्त निकलने में कोई समस्या होती है। ऐसे अबूझ मुहूर्त पर हुए विवाह को शुभ माना जाता है। इसीलिए पिछले लम्बे समय से अबूझ मुहूर्तों, बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया (आखा तीज) आदि वाले दिन सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किये जाते हैं। कुछ साल पहले तक सामाजिक संस्थाएं ही इन विशेष अबूझ मुहूर्त पर सामूहिक शादियां करवाती थी लेकिन अब सरकार भी ये काम करती है। प्रदेश में आज अक्षय तृतीया पर सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किये जा रहे हैं। सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की इसपर पैनी नजर है क्योंकि बहुत से माता पिता अपनी नाबालिग बेटियों की शादी भी ऐसे आयोजनों में या इस दिन चुपचाप कर देते हैं।

आज अक्षय तृतीया पर जबलपुर के शहपुरा तहसील में एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी जिसकी सूचना जिला प्रशासन को मिली और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम वहां पहुँच गई एवं शादी को रुकवा दिया। जबलपुर के शहपुरा तहसील के कुलोन गांव में 15 साल की बच्ची का विवाह हो रहा था, मेहंदी लग गई थी, मंडप भी सज गया था, मेहमान आ चुके थे, शाम को बारात आने वाली थी लेकिन उससे पहले जिला प्रशासन की टीम पहुँच गई।



जबलपुर जिला प्रशासन के महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने गांव में छापा मारते हुए न सिर्फ बाल विवाह रुकवाया बल्कि परिवार वालों को समझाइश दी कि 18 साल की उम्र हो जाने के बाद ही बच्ची का विवाह करवाएं । प्रशासन के अधिकारियों की समझाइश के बाद शादी रोक दी गई।

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