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आंदोलन को लंबा चलाने की तैयारी कर रहे हैं किसान, सर्दी से निपटने का इंतजाम भी किया


तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का एक साल 26 नवंबर को पूरा होने जा रहा है। एक साल पूरा होने के मौके पर दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों की तादाद में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल पर पंजाब के लगभग सभी हिस्सों से हजारों किसान दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। किसानों ने आंदोलन को लंबा चलाने और सर्दी से निपटने के लिए खास तैयारी की है।

पिछले साल की तरह इस बार भी किसानों ने अपनी ट्रॉली को छोटे कमरों में तब्दिल कर लिया है. इसके अलावा किसान को काफिले में सर्दियों के कपड़े और खाने का सामान भी शामिल है. आंदोलन में शामिल होने जा रहे एक किसान गुरबिंदर सिंह ने अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा, ''हम सब आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए जा रहे हैं. हम पिछले साल की तरह तैयारी कर रहे हैं और हमारा आंदोलन लंबे समय तक जारी रह सकता है.''सर्दी से निपटने के लिए की तैयारी

बीकेयू उगराहां गूट ने साफ किया है कि उन्हें सर्दी की वजह से दिल्ली में कोई परेशानी नहीं होगी. बीकेयू उगराहां ने बयान जारी कर कहा, ''पिछले साल भी हमें बॉर्डर पर रहते हुए कोई परेशानी नहीं हुई. हमारे पास ट्रॉली में सारी सुविधा मौजूद है. हम उसी तरह की तैयारी कर रहे हैं. सर्दी से निपटने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं.''

बता दें कि किसानों ने पीएम मोदी के तीन कृषि कानूनों के एलान के बावजूद आंदोलन को जारी रखने का फैसला किया है. किसानों का कहना है कि जब तक तीन कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग पर केंद्र सरकार कानून नहीं बनाती है तब तक वो दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डटे रहेंगे.''

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