नवरात्री में हुए खरगोन दंगों के 22 दिन बाद आज फिर कर्फ्यू के बीच ही त्योहार मनाए जा रहे हैं। सोमवार देर शाम को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने तय किया कि आज कर्फ्यू में ढील नहीं दी जाएगी। मंगलवार को लोगों ने घरों में रहकर परशुराम जन्मोत्सव मनाया और ईद की नमाज अदा की। वही घरों रहकर ही त्यौहार मनाए और एक-दूसरे को बधाई दे रहे है। शहर में भारी पुलिस बल तैनात है। जगह-जगह चेक पॉइंट पर आने-जाने वालों से पूछताछ की जा रही है। धार्मिक स्थलों के साथ ही संवेदनशील क्षेत्र में गलियों के मुहाने पर बैरिकेडिंग की गई है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार अनाउंसमेंट भी किया जा रहा है।
अक्षय तृतीया पर शहर में कहीं सार्वजनिक रूप से शादी भी नहीं हो सकेगी। दंगों के दाग झेल चुकी पुलिस के लिए आज फिर परीक्षा का दिन है। माना जा रहा है कि यदि आज शांति रही तो फिर तेजी से प्रशासन कर्फ्यू को खोलने पर विचार करेगा। सबसे ज्यादा निगरानी तालाब चौक, पहाड़सिंगपुरा, काजीपुरा, मोहन टॉकिज, गुरुव मोहल्ला, भावसार मोहल्ला आदि में की जा रही है।
उधर, इंदौर में मल्हारगंज इलाके में परशुराम जयंती पर शोभायात्रा निकलेगी। इसमें एक हजार महिलाएं फरसा लेकर चलेंगी। यह यात्रा कई संवेदनशील इलाकों से गुजरना है। इसके चलते इंदौर में भी अलर्ट है। प्रशासन ड्रोन से निगरानी कराएगा । प्रभारी एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। 1300 जवान पूरे शहर में तैनात किए गए हैं। ड्रोन से लगातार निगरानी रखी जा रही है। एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड सहित तमाम इमरजेंसी सेवाएं भी अलर्ट पर हैं। उधर, पुलिस मुख्यालय ने निमाड़, मालवा और महाकौशल के संवेदनशील जिलों को अलर्ट भेजा है। कहा है कि तैयारी पहले से रखें। जो हॉटस्पॉट हैं, वहां कोई चूक की गुंजाइश न हो।
खरगोन में रविवार और सोमवार को खरीदारी के लिए कर्फ्यू में ढील रही। कर्फ्यू के फैसले से पहले ही शांति समिति की बैठक में अफसरों ने धर्मगुरुओं और प्रमुख लोगों से कह दिया था कि ईद की नमाज घर पर ही करें। हालांकि शहर के एक पक्ष का कहना है कि दंगों के 22 दिन बाद भी त्योहारों के नाम पर कर्फ्यू जारी रखना प्रशासन की नाकामी है।
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