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उज्जैन जिले में विवाह समारोह के दौरान बिजली गुल होने से बदल गई दुल्हनें


उज्जैन । धूमधाम से हो रही शादी में बिजली ने खलल डाला और बिजली गुल होते ही दुल्हनें बदल गई। इतना ही नहीं पंडित ने बदली हुई दुल्हनों के साथ दूल्हों के फेरे भी करवा दिए। जब दोनों दूल्हे अपनी दुल्हनों को घर ले गए तब हकीकत पता चली तो विवाद की स्थिति बनी और बाद में समझौता हुआ। मामला उज्जैन जिले के दंगवाड़ा गांव का है। उज्जैन के इंगोरिया क्षेत्र के ग्राम असलाना में 5 मई को एक विवाह समारोह के दौरान बिजली गुल होने से दुल्हनों की अदला-बदली हो गई। रस्म के बाद स्वजन को पता लगा तो इसे हाथों हाथ ठीक कराया गया। फेरे तय संबंधों के अनुसार ही हुए। हालांकि बिजली कटौती के कारण हुई इस घटना से परिवारवालों को खासी परेशानी हुई। ग्राम असलाना निवासी रमेशलाल रेलोत की तीन बेटियों और एक बेटे की शादी 5 मई को थी। बड़ी बेटी कोमल का संबंध ग्राम खीराखेड़ी के राहुल से तय हुआ था। वहीं दूसरे नंबर की बेटी निकिता का विवाह ग्राम दंगवाड़ा के भोला से और तीसरे नंबर की बेटी करिश्मा की शादी दंगवाड़ा के ही गणेश से तय हुई थी। 5 मई की रात दंगवाड़ा और खीराखेड़ी से बरातें आईं। इस दौरान रात 8 बजे बिजली गुल हो गई। परिवार की रस्म के अनुसार सभी वर-वधुओं को पूजा करनी थी। रात. 1130 बजे वर और वधू पूजन के लिए रमेशलाल रेलोत के घर के एक कमरे में गए। वहां पुजारी पूजा करा रहे थे। बड़ी बेटी कोमल अपने वर राहुल के पास बैठी। इधर अंधेरा होने के कारण निकिता दूल्हे भोला के साथ न बैठते हुए गणेश के साथ बैठ गई। वहीं करिश्मा भोला के पास बैठ गई। 20 मिनट पूजन के बाद जब दूल्हा-दुल्हन बाहर आए तो यह बात स्वजन को पता लगी। दुल्हनों की अदला-बदली पता लगने पर स्वजन ने इसे ठीक कर लिया। बाद की सभी रस्मों में दुल्हनें अपने-अपने वरों के साथ ही बैठीं। फेरे भी तय हुए रिश्तों के अनुसार ही हुए। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रात आठ बजे से रात के 12 बजे तक बिजली कटौती की जा रही है। विवाह वाले दिन भी ऐसा ही हुआ। वर-वधु के स्वजन का कहना है कि अगर बिजली होती तो ऐसी गड़बड़ी नहीं होती।


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