दुनियाभर में नई सनसनी फैलाने वाले ओमिक्रॉन वायरस की विशेषज्ञों ने नई तस्वीर जारी कर दी है। अपनी पहली तस्वीर से ही कोरोना का ये नया म्यूटेंट लोगों को डरा रहा है। इटली के रिसर्चर्स ने कोविड 19 ओमिक्रॉन वायरस की ये तस्वीर जारी की है। लोगों को डरा रहा है। इटली के रिसर्चर्स ने कोविड 19 ओमिक्रॉन वायरस की ये तस्वीर जारी की है।रोम के बेम्बिनो गेसो अस्पताल में की गई रिसर्च को प्रोफेसर कार्लो फेदेरिको पर्नो ने कोऑर्डिनेट किया है और मिलान के स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्लॉडिया अल्टेरी ने सुपरवाइज किया है। तस्वीरों में ओमिक्रॉन स्पाइक प्रोटीन को देखकर ये अंदाजा लगाया ही जा सकता है कि ये डेल्टा वेरिएंट से कितना अलग है। बताया जा रहा है कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद ओमिक्रॉन दूसरा ऐसा वेरिएंट है जिस पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट का प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
ओमिक्रॉन के संक्रमण के लक्षण
डॉ एंजेलीके कोएटजी ने दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन की पहचान की थी। कोएट्जी ने बीबीसी को इसके लक्षणों की जानकारी दी, उनकी दी जानकारी के अनुसार ओमिक्रॉन के लक्षण कुछ ऐसे होते हैं।कोविड 19 का ये म्यूटेंट तेजी से फैलता है, जिस व्यक्ति को ये संक्रमण हुआ उसके परिवार को भी उसने इतना ही तेजी से अपनी चपेट में लिया। ओमिक्रॉन पीड़ितों को ज्यादा थकान होती है। सिर में हल्का हल्का दर्द रहता है। उसके साथ पूरे शरीर में दर्द होता है। कोरोना में टेस्ट और स्मेल लॉस हो रहा था, ओमिक्रॉन के पहले पीड़ित को ऐसी कोई तकलीफ नहीं हुई थी। खांसी की शिकायत नहीं थी, लेकिन गला छिल गया था।ओमिक्रॉन संक्रमितों के छोटे से समूह को देखकर डॉक्टर ने ये लक्षण बताए हैं। ये संभावना बहुत अधिक है कि जब ये वायरस फैले तो उम्र, इम्यूनिटी और उस जगह के माहौल के अनुसार लोगों में लक्षण भी अलग अलग नजर आए, पर इतना जरूर साफ हो गया है कि शुरूआती कोविड के मुकाबले इस वेरिएंट के लक्षण बहुत अलग हैं।
वेरिएंट का पता लगाने वाली डॉक्टर ने ये दावा भी किया कि वहां मिले संक्रमितों में कमजोर लक्षण वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी। उनका इलाज घर पर ही हो गया। जिन्हें ज्यादा लक्षण दिखाई दे रहे थे उन्हीं मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया।
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