top of page
Writer's pictureNews Writer

कांग्रेस नेताओं का पत्र दुर्भाग्यपूर्ण, सोनिया गांधी संभाले रहें पार्टी का नेतृत्व : अशोक गहलोत

राजस्थान के सीएम ने कहा- यदि सोनिया गांधी ने अपना मन बना लिया है तो राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आगे आना चाहिए, देश संविधान-लोकतंत्र बचाने की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा


जयपुर:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने रविवार को कहा कि गांधी परिवार ने पार्टी को हर समय एकजुट रखा है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिखा गया पत्र एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम है. गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पार्टी का नेतृत्व जारी रखना चाहिए और यदि उन्होंने अपना मन बना लिया है तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष पद के लिए आगे आना चाहिए. देश संविधान-लोकतंत्र बचाने की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है.

गहलोत ने कहा कि उन नेताओं ने पार्टी के साथ लंबे समय तक काम किया है और उनसे यह उम्मीद नहीं थी जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने ऐसा पत्र लिखा है. गहलोत ने ''पीटीआई-भाषा'' से कहा, ‘‘मुझे इस तरह के किसी पत्र के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन यदि यह सच है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इन सभी लोगों ने पार्टी के साथ लंबे समय तक काम किया है.''

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की बागडोर 1998 में संभाली और सभी चुनौतियों के बावजूद उन्होंने पार्टी को एकजुट रखा हुआ है. गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था और तीन दशकों में परिवार में से ना तो कोई प्रधानमंत्री बना, न ही केन्द्र में मंत्री बना. उन्होंने कहा कि यदि कोई पद की लालसा होती तो सोनिया गांधी पहले प्रधानमंत्री बन सकती थीं, लेकिन पीवी नरसिंह राव और बाद में मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया. सभी क्षेत्रों के कांग्रेस जनों ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में भरोसा किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘वह 1998 में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पार्टी अध्यक्ष बनीं और पार्टी की रक्षक बनी रही हैं. आज स्वास्थ्य ठीक नहीं होने बावजूद उन्होंने ''कांग्रेस कुनबा'' (पार्टी) को एक जुट बनाये रखा है. क्या यह कम बात है?'' उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र अभी खतरे में है और लोकतंत्र को बचाना एक चुनौती है, इसलिये हमलोगों को पीछे नहीं हटना चाहिए. गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट रखा है और इस संकट की घड़ी में हमें उनकी जरूरत है.''

गहलोत ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘मेरा दृढ़ता से मानना है कि माननीय कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी को इस महत्वपूर्ण घड़ी में पार्टी का नेतृत्व करना जारी रखना चाहिए, जब लड़ाई हमारे लोकतंत्र के मूल्यों को बचाने की है. उन्होंने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है. यदि उन्होंने अपना मन बना लिया है तो मेरा मानना है कि राहुल गांधी को आगे आना चाहिए और कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए, क्योंकि देश हमारे संविधान-लोकतंत्र को बचाने के लिए सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है.''

गहलोत ने कहा, ‘‘लोकतंत्र खतरे में है और लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष चल रहा है और इसलिए हमें पीछे नहीं हटना चाहिए.'' उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘गांधी परिवार ने संकट के समय में पार्टी को एकजुट रखा है. हमें उनकी आवश्यकता है.''

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस तरह के किसी पत्र की कोई आवश्यकता नहीं थी और वह भी ऐसे नेताओं से जिन्होंने लंबे समय तक पार्टी में काम किया है. उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है कि पत्र लिखा गया और इसे मीडिया में भी ले जाया गया. उन्होंने कहा कि देश भर में सभी जाति, पंथ और क्षेत्रों में परिवार की व्यापक स्वीकार्यता है.


कुछ पूर्व मंत्रियों सहित 23 कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठनात्मक ढांचे में बदलाव के लिए पत्र लिखा है. वहीं राहुल गांधी के करीबी कुछ नेताओं ने भी राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख के रूप में वापसी के लिए कांग्रेस कार्यसमिति को पत्र लिखा है.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को कई वरिष्ठ नेताओं की ओर लिखे गए पत्र के बाद नेतृत्व के मुद्दे पर तेज हुई बहस के बीच कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के कई सदस्य सोमवार को होने वाली बैठक में राहुल गांधी को एक बार फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग रखने की तैयारी में हैं.


1 view0 comments

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page