प्रदेश कांग्रेस महामंत्री (मीडिया) के.के.मिश्रा ने छत्तीसग़ढ में धर्म संसद के दौरान महात्मा गांघी के हत्यारे नथूराम गौड़से को साधु के भेष में कालनेमी रूपी शैतान कालीचरण की गिरफ्तारी पर प्रदेश के गृहमंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा के जल्दबाजी में दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मिश्रा ने गृहमंत्री के उस कथन को भी अनुचित बताया है जिसमें उन्होंने इस गिरफ्तारी को संघीय ढांचे का अपमान बताया है। यदि संघीय ढांचे का अपमान हुआ है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट तय करेगी। गृहमंत्री सुप्रीम कोर्ट जाएं। श्री मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान समूचे राष्ट्र का अपमान है और उन्हें अपमानित करने वाले अपराधी को पकड़ने के लिए लालफीताशाही बाधक बन सकती थी। लिहाजा, कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार ने कालीचरण को गिरफ्तार कर महात्मा गांधी जी के सम्मान को बचाने का गौरवपूर्ण कार्य किया है।
मिश्रा ने कहा कि जिस गांधी को समूचा विश्व सम्मानित निगाह से देखता है, विश्व के सभी देशों में उनकी प्रतिमाएं स्थापित हैं, अमेरिका के प्रसिद्ध नागरिक अधिकार नेता सांसद जॉन लुइस ने गांधी की 150 वीं जयंती पर गांधी व मार्टिन लूथर किंग (जूनियर) के विचारों के प्रचार हेतु अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश कर अगले 5 वर्षों के लिए 1066 करोड़ रु.(150 मिलियन डॉलर) की मांग की, वहीं भारत में उसी गांधी को सुनियोजित तरीकों से अपमानित किया जा रहा है! इसके पीछे उनकी हत्यारी विचारधारा का सीधा समर्थन भी उपलब्ध हो रहा है! जो लोग इस प्रायोजित अभियान में शामिल हैं, वे समझ लें कि गांधी के विचार सदैव जीवित थे,हैं और रहेंगे,उन्हें समझने के लिए ऐसे कुत्सित मंसूबों को कई जन्म लेना पड़ेंगे।
मिश्रा ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से भी जानना चाहा है कि गृहमंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा सरकार के प्रवक्ता हैं,इस लिहाज से क्या वे भी उनके विचारों से सहमत हैं? जिस तरह पिछले कई घटनाओं/प्रकरणों में बतौर गृहमंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा आरोपितों को लेकर राजनैतिक दल, धर्म व जातीय आधार पर खुद ही फैसला सुनाते हुए प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं,वह भी गरिमा के अनुकूल नहीं है।इसे रोका जाना चाहिए।
मिश्रा ने इस आशंका से भी इंकार नहीं किया है कि जिस खजुराहो से कालीचरण को गिरफ्तार किया है वह मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष व खजुराहो सांसद का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है? लिहाज़ा, इसमें संदेह नही बल्कि स्पष्ट है कि कालीचरण को किन भाजपा नेताओं ने संरक्षण देकर अपनी शरण में छुपा रखा था!
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