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काश! वो करिश्मा फिर दिखा पाते वरुण सिंह, जिंदगी से जंग हार गया वो आखिरी योद्धा


नई दिल्ली । 8 दिसंबर 2021 को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में जिदां बचे अकेले शख्स थे, । तब से लगातार देशभर के लोग दुआएं कर रहे थे कि ईश्वर उस योद्धा को नई जिंदगी दे। उन्हें क्रिटिकल सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था लेकिन आज वह योद्धा सदा सदा के लिए अमर हो गया। दोपहर 1 बजने वाले थे और अचानक खबर आई ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह नहीं रहे।

जब उन्हें क्रैश हेलिकॉप्टर के मलबे से निकाला गया था, वह गंभीर रूप से घायल थे। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। इसी हादसे में CDS जनरल विपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की जान चली गई थी। वरुण सिंह का बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा था।


देश को उस सवाल के जवाब की थी उम्मीद

वायुसेना की तरफ से आज दोपहर जानकारी दी गई कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह नहीं रहे। लोगों को उम्मीद थी कि वरुण सिंह के स्वस्थ होने पर क्रैश की वजह का पता चल सकता था। उस दिन आखिरी मिनटों में हेलिकॉप्टर में क्या हुआ था? कैसे अचानक हेलिकॉप्टर जंगल में क्रैश हो गया? लेकिन दुखद है कि देश के बहादुर सपूत को बचाया नहीं जा सका।

वरुण यूपी के देवरिया जिले के रुद्रपुर गांव के रहने वाले थे। जैसे ही उनके निधन की खबर मिली, परिवार में कोहराम मच गया। घरवालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके पिता कर्नल रहे हैं और फिलहाल परिवार भोपाल में रहता है। हर चेहरा उदास और गम में डूब गया।


95 प्रतिशत झुलस गया था शरीर, पर आखिरी सांस तक लड़े योद्धा

वह हेलिकॉप्टर क्रैश के इकलौते सर्वाइवर थे। उनका शरीर 95 प्रतिशत झुलस गया था पर इस योद्धा ने हार नहीं मानी। पूरी जीवटता के साथ वह आखिरी सांस तक लड़े लेकिन जिंदगी-मौत की इस जंग को वह जीत नहीं सके। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह उनके चाचा हैं। इतना बर्न था लेकिन सबको भरोसा था कि वरुण घर जरूर लौटेंगे। वरुण के निधन पर अब भी परिवार को यकीन नहीं हो रहा। देश भी गहरे सदमे में है।



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