जबलपुर। किसानों के साथ धोखाधड़ी कर अनुचित लाभ कमाने के मामले में एफपीओ हल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के संचालक नरेन्द्र सिंह तोमर के विरूद्ध कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर चरगवां थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस फार्मर प्रोड्यूसर संगठन द्वारा रबी विपर्णन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित 1 करोड़ 68 लाख 69 हजार 270 रूपये कीमत का 3 हजार 162 क्विंटल चना अमानक कर दिये जाने के बावजूद उन्हें किसानों को वापस नहीं किया गया था।
किसानों के साथ हुई इस धोखाधड़ी का यह मामला किसानों से उपार्जित चने का भुगतान नहीं होने की प्राप्त शिकायत के बाद सामने आया। किसानों की इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने सहायक संचालक कृषि रवि आम्रवंशी के नेतृत्व में पांच सदस्यों का जांच दल गठित किया। दल में जिला विपणन अधिकारी हीरेन्द्र सिंह, जिला प्रबंधक वेयर हाउसिंग कॉर्परेशन एसआर निमोदा, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कुंदन सिंह राजपूत एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी श्रीमती आभा शर्मा दल में शामिल थे। इस दल द्वारा किसानों के साथ धोखाधड़ी के इस मामले की जांच में पाया गया कि हल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने रबी विपणन वर्ष 2023-24 न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 110 किसानों से उपार्जित 3 हजार 162 क्विंटल चना अमानक कर दिये जाने के बावजूद उन्हें वापस नहीं किया, जबकि मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग कॉर्परेशन की भेड़ाघाट शाखा की तत्कालीन प्रबंधक प्रियंका पठारिया ने नाफेड द्वारा नॉन एफएक्यू पाये जाने के कारण इस अमानक चने को किसानों को वापस करने हल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को सौंप दिया था। किसानों से उपार्जित यह चना ग्राम बढैयाखेड़ा, चरगवां स्थित मयंक वेयर हाउस क्रमांक-3 में भंडारित कर रखा गया था।
मामले की 24 अक्टूबर से शुरू की गई जांच के पहले दिन हल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के संचालक नरेन्द्र सिंह तोमर बुलाने के बावजूद स्वंय उपस्थित नहीं हुए बल्कि उनकी ओर से इस कंपनी के प्रतिनिधि दुष्यंत त्रिपाठी को जांच दल के समक्ष भेजा गया। कंपनी के संचालक दूसरे दिन 25 अक्टूबर को मौजूद हुए, इस दौरान उनके द्वारा किसानों से चना खरीदी एवं वापसी से संबंधित कोई रजिस्टर प्रस्तुत नहीं किया गया बल्कि प्रिंटेड प्रारूप में किसानों को चना वापसी की 43 पावतियां जांच दल को बताई गईं। इन पावतियों में किसानों के नाम, गांव एवं उपार्जित चने की मात्रा हाथ से लिखी थी, लेकिन इनमें किसानों के मोबाईल नंबर अंकित नहीं थे। जांच दल द्वारा परीक्षण में इन पावतियों की सत्यता को संदिग्ध तथा विश्वास योग्य नहीं पाया गया। मौके पर मयंक वेयर हाउस फेस-3 का भौतिक सत्यापन भी किया गया, जहां हल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चने का उपार्जन किया गया था। भौतिक सत्यापन करने पर इस वेयर हाउस में चना भंडारित नहीं पाया गया।
जांच दल द्वारा किसानों से उपार्जित 1 करोड़ 68 लाख 69 हजार 270 रूपये की कीमत का 3 हजार 162 क्विंटल चने की अफरा तफरी करने, अमानक घोषित कर दिये जाने के बावजूद इस चने को वापस न करके किसानों के साथ धोखाधड़ी करने एवं अनुचित लाभ अर्जित करने का दोषी पाये जाने पर हल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के संचालक के विरूद्ध शुक्रवार की देर रात चरगवां थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। जांच दल की ओर से एफआईआर सहायक संचालक कृषि रवि आम्रवंशी द्वारा कराई गई है।
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