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केंद्र सरकार नही मानती वकील और पत्रकारों को फर्स्ट लाइन वर्कर,राज्य अधिवक्ता संघ ने जताई नाराजगी


जबलपुर। केंद्र सरकार ने वकीलों और पत्रकारों को फर्स्ट लाइन वर्कर नहीं माना है इसके चलते उन्हें बूस्टर डोज नहीं लगेगा लिहाजा इस निर्देश को लेकर मध्य प्रदेश अधिवक्ता परिषद ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार के इस आदेश को शर्मनाक बताया है,मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर ना समझना और उन्हें बूस्टर डोज के लिए फ्रंट वर्कर ना मानना बहुत ही गलत है उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर केंद्र सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के बाद भी कही है।

राज्य अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के मुताबिक बीसीआई यानि (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) से भी इस विषय पर बात की जा रही है ताकि पूरे देश में वकीलों को कोरोना वैक्सीन की डोज लगवाई जा सके, उन्होंने कहा कि अक्सर सीनियर आईएएस अधिकारी जमीनी स्थिति नहीं समझते हैं और सरकार वही करती है जो कि आईएएस करते हैं, मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के शैलेंद्र वर्मा ने कहा कि हमें केंद्र सरकार से पूरी उम्मीद है कि वह हमारी बातों को जरुर मानेगी और बहुत जल्द वकील और पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए उन्हें भी बूस्टर डोज लगेगा। जिसके कारण वकीलों को भविष्य में किसी भी प्रकार का आंदोलन करने की चेतावनी जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

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