खरगोन। खरगोन में राम नवमी के दिन हुए सांप्रदायिक हिंसा के दौरान खरगोन में दहसत का माहौल बना हुआ है। इस हिंसा के दौरान के कई लोग घायल तो वही एक 16 बर्ष के बच्चे की हालत भी नाजुक है। इस हिंसा के दौरान लापता हुआ 30 वर्षीय व्यक्ति हिंसा के समय से लापता था जो खरगोन हिंसा का पहला शिकार बना है। हिंसा में युवक की जान जाने के कारण उसे इंदौर के अस्पताल में रखा गया था । जानकारी में पुलिस ने सोमवार को कहा कि खरगोन के आनंद नगर इलाके में फ्रीजर की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण इब्रेश खान का शव आठ दिनों तक इंदौर के एक सरकारी अस्पताल में रखा था। इब्रेश खान की मौत पत्थरों से सिर में गंभीर चोट लगने से हुई है। हालांकि इस्लामपुर इलाके के रहने वाले इब्रेश खान के परिजन ने पुलिस पर मामले को छिपाने का आरोप लगाया है। इब्रेश के भाई इखलाक खान ने दावा कि मृतक को कुछ लोगों ने 12 अप्रैल को पुलिस की हिरासत में देखा था। व्यक्ति के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आठ दिनों तक उसकी मौत को छुपाए रखा।
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