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ग्रामीण व शहरी इलाको में अघोषित कटौती और ट्रिपिंग से उपभोक्ता परेशान, ठंड़ी हवा खा रहे विभाग अधिकारी


जबलपुर। जबलपुर के कई इलाको में इन दिनों अघोषित कटौती के दंश से जूझ रहा है। शहर और ग्रामीण इलाकों में एक जैसे हाल हैं। गांव में बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है तो शहर में हैं। कभी रखरखाव तो कहीं फाल्ट की वजह से बिजली बंद हाे रही है। जबलपुर जिले में हर घंटे औसत 30 शिकायत बिजली सप्लाई बंद होने की अप्रैल माह में दर्ज हाे रही है। गांव में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से किसान चिंतित हैं कि कहीं पानी नहीं मिलने से उनकी फसल न सूख जाए। किसान लगातार बिजली अफसरों के दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं। इधर, कंपनी प्रबंधन ने सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली का समय बदल कर रात की बजाय दिन में कर दिया है।

शहपुरा- शहपुरा भिटौनी नगरीय क्षेत्र में दो से तीन घंटे बिजली बंद होती है। अधिकांश समय ट्रिपिंग की वजह से सप्लाई बाधित होती है। इसके अलावा ट्रांसफार्मर में खराबी की वजह भी सप्लाई बंद हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को रात्रि में सप्लाई दी जाती है। दो घंटे ही लाइट मिलती है। सिहोरा, बरेला, कटंगी, बरगी इलाकों में भी तीन से चार घंटे बिजली गोल रहती है। ट्रिपिंग की समस्या से लोग परेशान हैं। यहां बिजली विभाग के अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं है। 17 दिन में 12 हजार से ज्यादा शिकायत : जबलपुर जिले में बिजली सप्लाई को लेकर स्थिति बेहद खराब है। जिले में अप्रैल के 17 दिन में 12300 से ज्यादा बिजली की शिकायत दर्ज हुई हैं। इसमें शहर के अंदर सबसे ज्यादा स्थिति खराब है। यहां करीब 10600 से ज्यादा शिकायत दर्ज हुई है। हर घंटे करीब 30 शिकायत दर्ज हुई है। शहर के भीतर हर घंटे 26 तथा ग्रामीण इलाकों में इस अवधि में हर घंटे 4 शिकायत बिजली बंद होने के लिए दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा शिकायत शहर में नगर संभाग पश्चिम में 2700 और नगर संभाग उत्तर में 2464 दर्ज हुई है। वहीं ग्रामीण इलाकों में जबलपुर ओएडंएम में 908 शिकायत सबसे अधिक दर्ज की गई है।

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