भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूलों और छात्रों से जुड़ी एक बड़ी खबर है। मप्र बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को एक पत्र लिखा है।इसमें उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर को नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करने को कहा है, वही छात्रा-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए कुछ सुझाव भी दिए है।
पत्र में मप्र बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखा है कि प्रदेश के में सवा लाख सरकारी और करीब एक लाख CBSE और MP Board के निजी स्कूल हैं। प्रदेश के कई शासकीय एवं निजी स्कूलों में निरीक्षण के दौरान पाया गया है कि कई स्कूलों में छात्रों की शिकायत और सुझाव की पेटी नहीं लगी है, वही जहां लगाई गई है वहां बच्चे भय के चलते शिकायत नहीं करते।
उन्होंने बताया कि आयोग ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर और आयोग का नंबर भी नोटिस बोर्ड पर चस्पा देने के निर्देश दिए हैं।शिकायत पेटी पर चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098, पुलिस सहायता नंबर-100 एवं बाल आयोग नंबर 0755-2559900 अंकित किए जाए।हर महीने के पहले सप्ताह में शिकायत पेटी को खोला जाए, इसके लिए 3 सदस्यीय समिति, जिसमें स्कूल प्राचार्य एवं 2 अभिभावक प्रमुख रूप से शामिल हो गठित की जाए।वही समय समय पर छात्रों की शिकायत पर यथोचित कार्यवाही की जाए और उनका नाम गुप्त रखा जाए।
इसके अलावा एक उपस्थिति पंजी संधारित की जाए, जिसमें प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं उन पर समिति द्वारा लिए गए निर्णय को अंकित किया जाए। बच्चों को प्रातःकालीन सभा में इसकी जानकारी दी जाएं। निरीक्षणकर्ता को भी उक्त पंजी का अवलोकन कराया जाए, जिससे निरीक्षणकर्ता को यह ज्ञात हो सके कि स्कूल प्रबंधन बच्चों की शिकायत के उचित निपटान के लिए संवेदनशील है।
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