जबलपुर। मप्र स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन शैलेंद्र वर्मा ने कहा कि राज्य की किसी भी अदालत में कोई जज वकीलों से अभद्रता करें, तो वे वीडियो बनाकर बार काउंसिल को भेजें। उस वीडियो के साथ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत भेजकर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। वे मंगलवार को स्टेट बार काउंसिल सभागार में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान स्टेट बार प्रवक्ता राधेलाल गुप्ता, कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष अहादुल्ला उस्मानी व कार्यकारी सचिव मुईन खान मौजूद थे। वर्मा ने कहा कि राज्य के सभी अधिवक्ता संघों को पत्र जारी कर साफ शब्दों में ताकीद की गई है कि भविष्य में अधिवक्ता हड़ताल को अंतिम हथियार के रूप में इस्तेमाल करें। प्रथम हथियार कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाना है।अदालत में इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगे- वर्मा ने बताया कि राज्य के जजों के लिए आचार संहिता बनाए जाने की मांग की है। इस सिलसिले में देश के प्रधान न्यायाधीश व मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजे जा चुके हैं। इसके जरिए अधिनस्थ अदालतों के जजों की ओर से अदालत के भीतर इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल किए जाने पर अंकुश लगाने की आवश्यकता बताई गई।नए वकीलों के लिए एक करोड़ 77 लाख 96 हजार स्वीकृत- वर्मा व प्रवक्ता गुप्ता ने बताया कि ग्यारहवीं अखिल भारतीय बार परीक्षा देने वाले राज्य के पांच हजार के लगभग नवागत वकीलों को कुर्सी-टेबल, किताब आदि खरीदने के लिए राज्य शासन से एक करोड़ 77 लाख 96 हजार रुपए स्वीकृत हो गए हैं। राशि आते ही हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
युवा वकीलों के हितों का पूरा ध्यान
इधर, स्टेट बार काउंसिल उपाध्यक्ष, जिला बार एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने राज्य शासन से प्रथम चरण में राशि स्वीकृत होने पर खुशी जताई। भरोसा दिलाया कि युवा वकीलों के हितों को प्राथमिकता देकर सहायता की जाएगी। सिर्फ ग्यारहवीं ही नहीं अन्य अखिल भारतीय बार परीक्षा देने वाले नवोदित वकीलों को शीघ्र ही खाते में राशि ट्रांसफर करके लाभांवित करने सरकार को पत्र भेजा जाएगा।
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