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जबलपुर कोरोना:साढ़े 7 हजार से कम नहीं हो रहा शिकायतों का आँकड़ा



कोरोना वायरस फैलने के दौरान लोगों की शिकायतें कम होनी थीं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। विभागीय अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे थे, जिससे सीएम हैल्पलाइन तक शिकायतें पहुँचीं। हर टीएल बैठक में अधिकारियों को हिदायत दी जाती है इसके बाद भी अधिकारी सचेत नहीं हो रहे हैं। सीएम हैल्प लाइन में अभी भी शिकायतों का आँकड़ा साढ़े 7 हजार से ज्यादा है। इसमें भी सबसे ज्यादा शिकायतें स्वास्थ्य और खाद्य विभाग से जुड़ी हैं। शिकायतों के आँकड़े को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी जनता की कितनी सुनवाई कर रहे हैं। जिले में 7 हजार 649 से ज्यादा शिकायतें अभी भी पेंडिंग हैं। कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा स्वास्थ्य विभाग में शिकायतें बढ़ी हैं, जिसमें इलाज न होना, कोरोना वायरस की जाँच न होना व अस्पतालों में लापरवाही बरते जाने की हैं। वहीं खाद्य विभाग की शिकायतों में राशन न मिलना, कार्ड न बनना व राशन दुकान बंद होना, माल कम तौलना जैसी हैं। इसी तरह राजस्व विभाग से जुड़ी िशकायतों में नामांतरण, डायवर्सन, नक्शा न काटना, पटवारी व आरआई का न मिलना या परेशान करना है। कहाँ की कितनी शिकायतें- जिले में सभी विभागों की 7649 से ज्यादा शिकायतें सीएम हैल्प लाइन में अटकी हैं, लेकिन इनका निराकरण नहीं हो रहा है। इनमें सबसे ज्यादा शिकायतें 959 लोक स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी हैं। इसी तरह खाद्य विभाग की 803 व राजस्व विभाग की 431 शिकायतें पेंडिंग हैं, जबकि मेडिकल काॅलेज ऊर्जा विभाग की 392, जिला अस्पताल की 352, नगर निगम की 214, निर्वाचन की 56, पंचायत राज की 232, मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी की 248, अनूसूचित जाति कल्याण विभाग से जुड़ी 216 से ज्यादा शिकायतें हैं। इसके साथ ही अन्य विभागों की भी िशकायतें सीएम हैल्प लाइन में की गई हैं जिनका निराकरण नहीं हो रहा है। पी-4

निराकरण हाे रहा सीएम हैल्प लाइन के प्रकरणों में लापरवाही बरतने पर िवभिन्न िवभागों के अधिकारियों को नोटिस जारी किये जा रहे हैं, इसके साथ ही हर स्तर पर अब सुधार हो रहा है। पहले शिकायतों का आँकड़ा 15 हजार तक पहुँच गया था पिछले कुछ दिनों से िशकायतों का भी निराकरण हो रहा है।

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