जबलपुर। शहर में नक्शा स्वीकृत कराए बगैर भवन निर्माण करने से लेकर स्वीकृत नक्शा के मुकाबले ज्यादा भूखंड पर निर्माण के हजारों मामले हैं। जिम्मेदारों की मानें तो शहर में 70 प्रतिशत से ज्यादा निर्माण अवैध हैं। अवैध भवनों को वैध कराने सैकड़ों की संख्या में आवेदन आ रहे हैं। स्वयं से लेकर कनसल्टेंट के माध्यम से आवेदन आ रहे हैं। अब तक आठ सौ से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। भवन के अवैध हिस्से को वैध कराने के लिए नगर निगम की भवन शाखा में आ रहे आवेदनों के साथ ही करोड़ों में कंपाउंडिंग राशि भी निगम के खजाने में जमा हो रही है।
पुराने रिहायशी इलाकों में सबसे अवैध निर्माण
सूत्रों की मानें तो शहर के पुराने रिहायशी इलाके मिलौनीगंज, सराफा, हनुमानताल, गढ़ा, गढ़ा फाटक, घमापुर में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण हैं। जिनमें पूर्व के स्वीकृत नक्शों के मुकाबले कई गुना ज्यादा क्षेत्र में बढकऱ अवैध तरीके से निर्माण कर लिया गया है। यहां प्रक्रिया जारी है।
नक्शा स्वीकृत कराए बगैर निर्माण के मामलों में शासन के निर्देशानुसार कं पाउंडिंग की कार्रवाई की जा रही है। पड़ताल करने के बाद निर्धारित सीमा तक भवनों का नियमितिकरण किया जा रहा है। कं पाउंडिंग के लिए रोजाना बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं।
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