जबलपुर-जबलपुर संस्कारधानी में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने तथा नई तकनीकियों से इस उद्योग को लगाने के लिये प्रदेश सरकार ने छात्र-छात्राओं को इसके लिये शिक्षा देने का निर्णय लिया था। लेकिन अभी तक डेयरी साइंस तथा टेक्नॉलाजी कॉलेज की स्थापना नहीं हो पायी। इस संबंध में नागरिक उपभोक्ता मंच के पीजी नाजपांडे ने राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा को ज्ञापन सौंपकर सरकार के पारित फैसले पर जल्दी कार्यवाही की मांग की है। पीजी नाजपांडे ने राज्यसभा सदस्य से मांग की है कि मप्र सरकार के कैबिनेट में जबलपुर में डेयरी साइंस कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया था। इसके लिये 132 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था। इस कॉलेज के लिये वेटरनरी युनिवर्सिटी ने इमलिया में 14 हेक्टेयर जमीन देने का भी निर्णय लिया था, 65 करोड की डीपीआर बनाकर उसे शासन के पास अनुमोदन के लिये भेजी गई है। लेकिन 4 वर्ष बाद यह कॉलेज उज्जैन में स्थापित करने के लिये 80 करोड का डीपीआर बनया गया है तथा उसे शासन को भेजा गया है।
मप्र कैबिनेट ने उज्जैन के लिये कोई नया प्रस्ताव पारित नहीं किया। फिर भी पूर्व के निर्णय की अनदेखी कर उज्जैन के लिये प्रस्ताव शासन के पास भेजा गया है। यह संस्थान उज्जैन में स्थापित करने की साजिश कर जबलपुर के साथ धोखा किया गया है। नागररिक उपभोक्ता मंच की मांग है, कि सरकार अपने लिये गये फैसले पर कायम रहकर जबलपुर में ही डेयरी साइंस कॉलेज की स्थापना हो ।
जबलपुर से कार्तिक गुप्ता की रिपोर्ट
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