जबलपुर,- जबलपुर के जीसीएफ स्टेट चुंगी चौकी क्षेत्र स्थित मंगल पराग मैदान के पास भूमाफियाओं ने नगर निगम की शासकीय भूमि को अवैध तरीके से कब्जा कर बेच दिया। अब क्षेत्र का नाम न्यू कछियाना भी रख दिया गया है। सैंकड़ों घर बनाये जा चुके हैं। नगर निगम जोन क्रमांक-9 के भ्रष्ट अधिकारियों की मिली भगत से दबंगों ने ये सरकारी जमीन बेच कर नगर निगम को लाखों-करोड़ों का चूना लगा दिया। यहां लगभग 50 से अधिक घर बनाए जा चुके हैं, जिनके पास जमीन के पट्टे तक नहीं हैं। जोन क्रमांक 9 के अधिकारी आँखे बंद किए बैठे हैं। जिससे साफ जाहिर है कि अधिकारियों से भूमाफियाओं की सांठ गांठ के चक्कर में इतना बड़ा घोटाला हो गया। और जाहिर सी बात है कि इस अवैध उगाही का कुछ हिस्सा उन्हें पहुंचा होगा। नगर निगमायुक्त तक अधिकारियों ने इस घोटाले की भनक तक नहीं पड़ने दी। यहां के निवासी सिर्फ टैक्स रसीद के बूते खुद को जमीन का मालिक समझ बैठे हैं। जिन दबंगों ने यहां लोगों को जमीन बेची उन्हें अपने सब्जबाग में फंसाकर बेवकूफ बना दिया गया है। यहां के निवासी इस बात से अंजान हैं कि नगर निगम के एक आदेश से कभी भी अतिक्रमण अमला कभी भी यहां कार्रवाई करने आ सकता है।
किसने बेच दी ये जमीन-
मंगल पराग मैदान न्यू कच्छियाना की जमीनों की पड़ताल कर भूमाफियाओं ने पहले अधिकारियों से जानकारी निकाली और धीरे-धीरे यहां कब्जा कर जमीनें लोगों को मनमाने कीमत पर बेच कर अपनी जेबें भर ली। ये दबंग इलाके के ही बताए जा रहे हैं। जिनके गुर्गे यहां घूम-घूम कर जमीनों की दलाली करते हैं।
कईयों के हड़प लिए रुपए-
नया कच्छियाना में जमीन के रुपए लेने के बाद भी कई लोगों को रुपए वापस लेने के लिए यहां के चक्कर लगाना पड़ रहा है। और कई महीने बीत जाने के बाद भी उनके रुपए नहीं मिले। रूपये वापस मांगने पर उन्हें धमकाया जा रहा है।
होते हैं अवैध धंधे, और शराबखोरी-
इस इलाके में अपराधी प्रवृत्ति के लोग शराब- गांजा के कारोबार में जुड़े हैं। न्यू कछियाना पहुंच मार्ग में ही मैदान के पास ही नशेड़ी शराब और गांजा पीते दिख जाएंगे। रात के समय महिलाएं और पुरुष दोनों ही यहां से निकलने में कतराते हैं।
आवास योजना में उपयोगी थी ये जमीन-
शहर से लगी हुई ये न्यू कच्छियाना की बड़ी जमीन आवास योजना के लिए शासन द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती थी। जिसका बड़ा फायदा नगर निगम को मिलता। एक ओर नगर निगम प्रशासन अपनी कब्जा हुई जमीन को मुक्त करने में लगा है वहीं दूसरी ओर निगमायुक्त की नाक के नीचे निगम के भ्रष्ट अधिकारी, दबंगों द्वारा शासकीय जमीनों पर कब्जा करा रहे हैं।
कैसे खाली होगी जमीन-
अब सवाल ये उठता है कि सरकारी जमीन पर बने इन अवैध मकानों को नगर निगम प्रशासन कैसे खाली कराएगा। अतिक्रमण विभाग के अधिकारी कब यहां निरीक्षण के लिए आयेंगे ये चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना ये है कि ऐसे मामलों में तत्काल फैसले लेने वाली निगमायुक्त क्या कार्रवाई करेंगी। और कब तक सरकारी जमीन से अवैध कब्जे हटवा पाएंगी। जल्दी ही निगमायुक्त द्वारा सख्त कार्रवाई इस मामले में नहीं की गई तो पता नहीं कितनी और जमीनों पर भूमाफिया कब्जा कर सकते हैं। और इन भूमाफियाओं के हौसले बुलंद होते रहेंगे।
जबलपुर से कार्तिक गुप्ता की रिपोर्ट
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