जबलपुर। राज्य शासन द्वारा राज्य के कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 तथा अध्यापक संवर्ग को एक जुलाई 2018 से सातवां वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन राज्य शासन द्वारा अब भी कर्मचारियों को छटवें वेतनमान के अनुसार ही पुरानी दरों से मकान भाड़ा भत्ता, वाहन भत्ता सहित अन्य भत्ते दिए जा रहे हैं। उक्त आरोप मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने लगाए हैं। संघ के प्रांतीय महामंत्री योगेंद्र दुबे ने जारी बयान में बताया कि सातवां वेतनमान के अनुरूप भत्तों में बढ़ोतरी न होने सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। शासन के दोहरे मापदंड से राज्य कर्मचारियों में भारी निराशा एवं आक्रोश व्याप्त है।
केंद्र के समान मिले मंहगाई भत्ता
बढ़ती महंगाई को देखते हुए मध्यप्रदेश जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने राज्य कर्मचारियों को भी केंद्र के समान मंहगाई भत्ता दिए जाने की मांग की है। समिति के जिलाध्यक्ष राबर्ट मार्टिन ने जारी बयान में बताया कि वर्तमान में केंद्र के कर्मचारियों को 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। जबकि राज्य के कर्मचारियों को 20 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 17 फीसद महंगाई राहत मिल रही है। समिति के मीनू कांत शर्मा, जियाउरहीम, स्टेनली नाबर्ट, एनोस विक्टर, गुडविन चार्ल्स, सुनील स्टीफन, फिलिप अंथोनी, दिनेश गौंड़, हेमंत ठाकरे, एस बी रजक, राम कुमार कतिया, समर सिंह ठाकुर, राकेश श्रीवास, त्रिलोक सिंह, जगदीश दीक्षित, राजकुमार यादव आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के कर्मचारियों को भी केंद्र के समान महंगाई भत्ता दिया जाए।
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