जबलपुर। रेत ठेकेदार की ओर से किश्त जमा नहीं करने पर शासन ने जिले की सभी रेत खदानों का ठेका निरस्त कर दिया है। अब इन खदानों से रेत की निकासी नहीं हो सकेगी। मध्यप्रदेश स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कलेक्टर को एक पत्र लिखा है, जिसमें स्वीकृत खदानों का कब्जा वापस लेने और स्टॉक की जांच करने के आदेश दिए गए हैं। ठेकेदार द्वारा स्टॉक में रखी गई रेत का भौतिक सत्यापन भी जिला खनिज कार्यालय के माध्मय से किया जाएगा।
जिले में आराध्य ग्रुप के पास रेत का ठेका है। अभी करीब 14 खदानों में रेत का खनन हो रहा था। इनमें से अधिकतर खदानें नर्मदा नदी में संचालित हो रही हैं। ठेका निरस्त होने के बाद अब इन खदानों से ठेकेदार भी रेत नहीं निकाल सकेंगे। इसके बाद भी रेत की निकासी होने पर मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 18 (11) के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश कॉर्पोरेशन की ओर से जारी किए गए हैं।
47 खदानें हैं जिले में जिले में नर्मदा नदी, हिरण नदी व अन्य जगहों पर करीब 47 रेत खदानें हैं। इनमें से 14 खदानों का संचालन ठेकेदार के द्वारा किया जा रहा था। अन्य खदानें बंद थीं। ठेका निरस्त होने के बाद भी यदि रेत की निकासी होती है तो इसकी जिम्मेदारी भी खनिज कार्यालय के पास आ जाएगी। खदानों की सुरक्षा के लिए कार्यालय को इंतजाम करना पडेग़ा। ठेकेदार के द्वारा किश्तों का भुगतान नहीं करने के कारण रेत खदान का ठेका निरस्त किया गया है। अब जिले में किसी भी खदान से रेत की निकासी नहीं होगी। स्टॉक का वेरीफिकेशन भी कराया जाएगा।
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