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दिल्ली में इस दिन से पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की एंट्री बैन, सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी वाहनों को छूट


दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पेट्रोल डीजल गाड़ियों की एंट्री पर रोक का ऐलान किया है। जानिए खबरदिल्ली में वायु प्रदूषण में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हो रहा है और आज भी वायु गणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में 383 है। हालांकि पहले की तुलना में थोड़ी सी रहात कही जा सकती है, जब एक्यूआई 400 के पार कर गई थ। इसको देखते हुए दिल्‍ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।

दिल्‍ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की है कि 27 नवंबर से 3 दिसंबर तक दिल्ली में पेट्रोल और डीजल वाहनों के एंट्री पर रोक रहेगी। हालांकि जरूरी सेवाओं में लगे इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों की एंट्री मिलेगी।

दिल्ली में वायु प्रदूषण में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हो रहा है और आज भी वायु गणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में 383 है। हालांकि पहले की तुलना में थोड़ी सी रहात कही जा सकती है, जब एक्यूआई 400 के पार कर गई थी। इसको देखते हुए दिल्‍ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।

दिल्‍ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की है कि 27 नवंबर से 3 दिसंबर तक दिल्ली में पेट्रोल और डीजल वाहनों के एंट्री पर रोक रहेगी. हालांकि जरूरी सेवाओं में लगे इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों की एंट्री मिलेगी

दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए किए गए प्रतिबंधों की समीक्षा बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में शारीरिक कक्षाएं फिर से शुरू करने और 29 नवंबर से सरकारी कार्यालयों को फिर से खोलने का फैसला किया है।

इसके साथ-साथ गोपाल राय ने सरकारी कर्मचारियों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि “हमने हाल ही में निजी सीएनजी बसों को किराए पर लिया है। हमने सरकारी आवासीय कॉलोनियों जैसे गुलाबी बाग और निमरी कॉलोनी के कर्मचारियों को लाने के लिए उनका इस्तेमाल करने का फैसला किया है।" सरकार अपने कर्मचारियों के लिए दिल्ली सचिवालय से आईटीओ और इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशनों के लिए शटल बस सेवा भी शुरू करेगी।

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर को स्कूल-कॉलेज को बंद करने के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों या अधिकारियों को घर से काम करने का आदेश दिया गया था। वहीं मजदूरों की समस्या को देखते हुए सरकार ने बाद में कंस्ट्रक्शन के काम की अनुमति दे दी थी।

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