प्रतिवर्ष दुनियाभर के लोगों को एचआईवी संक्रमण के प्रति जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) के संक्रमण के कारण होने वाला महामारी का रोग है। इस दिन को पहली बार 1988 में चिह्नित किया गया था। वहीं साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया। जिसके बाद से दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस मनाया जाने लगा। एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान की संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। हालांकि इतने सालों बाद भी अबतक एड्स का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। विश्व एड्स दिवस 2021 की थीम 'असमानताओं को समाप्त करना और एड्स का खात्मा है।विश्व एड्स दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व रक्त दाता दिवस, विश्व टीकाकरण सप्ताह, विश्व क्षय रोग दिवस, विश्व तंबाकू निषेध दिवस, विश्व मलेरिया दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस, विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह, विश्व रोगी सुरक्षा दिवस और विश्व चगास रोग दिवस के साथ चिह्नित 11 आधिकारिक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है। विश्व एड्स दिवस एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महामारी के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ लाता है। एचआईवी एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा बना हुआ है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 3.77 करोड़ लोग एड्स के साथ जी रहे थे। एचआईवी के साथ रहने वाले सभी लोगों में से 16% को यह नहीं पता था कि उन्हें 2020 में एचआईवी है। 73 प्रतिशत की 2020 में एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी तक पहुंच थी।
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