नेपाल के पशुपतिनाथ पीठ की महिला शंकराचार्य हेमानंदगिरी को इंदौर आगमन पर अरबिंदो अस्पताल स्थित शंकराचार्य भक्त मंडल के सदस्यों ने उन्हें फर्जी शंकराचार्य कहते हुए नारेबाजी की। इस दौरान वापस जाओ और सनातन धर्म को दूषित मत करो... जैसे नारे लगाए गए। इसके बाद हेमानंदगिरी इंदौर से वापस चली गई।
इस विवाद पर शंकराचार्य मठ इंदौर के प्रभारी डा. गिरीशानंद महाराज ने कहा कि भारत में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों के तीन शंकराचार्य के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को शंकराचार्य के रूप में मान्य नहीं किया जा सकता। इनके अलावा जो भी व्यक्ति खुद को शंकराचार्य कहता हो, वह निश्चित रूप से फर्जी है। जहां तक हेमानंदगिरी का प्रश्न है, वे शांकर परंपरा और सनातन धर्म के विरुद्ध कार्य कर रही हैं। उन्होंने नेपाल में कुछ साधु संतों को इकट्ठा कर कुछ साल पहले पशुपतिनाथ पीठ का गठन कर लिया और खुद को शंकराचार्य कहने लगी। जबकि पशुपतिनाथ मंदिर ट्रस्ट ने ही उन्हें अमान्य करते हुए फर्जी शंकराचार्य घोषित कर रखा है।
डा. गिरीशानंद महाराज ने कहा कि सबसे वरिष्ठ एवं ज्योतिष एवं शारदा पीठ यानी दो पीठों के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी कहते हैं कि भारत में आद्य शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों के अलावा किसी अन्य को शंकराचार्य के रूप में मान्य नहीं किया जा सकता। शांकर परंपरा में किसी महिला को भी शंकराचार्य के रूप में मान्यता नहीं दी गई ह
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