भोपाल। मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी खबर है।आज सोमवार 3 जनवरी 2022 को ओबीसी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना है। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को बहाल कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आज सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होगी। इसमें शिवराज सरकार चुनाव टालने की मांग करेगी।वही केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 3 महीने का समय मांगा है।
शिवराज सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे पैरवी करेंगे और बताएंगे कि ओबीसी मतदाताओं की गणना कराई जा रही है। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 52 प्रतिशत से अधिक है, ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश सरकार को पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का प्रतिवेदन तैयार करने के लिए 4 माह का समय दिया जाए।केन्द्र की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार मेहता अपना पक्ष रखेंगे। वही OBC वोटरों की गिनती के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि 7 जनवरी तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए और पंचायतवार व वार्डवार जानकारी मप्र शासन को भेजी जाए।
इधर, केंद्र सरकार ने अर्जी दाखिल कर खुद को पक्षकार बनाने की मांग की है। केंद्र सरकार ने पंचायत चुनाव के संबंध में 17 दिसंबर के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि जमीनी स्तर के शासन में निर्वाचित निकायों में समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किए बिना चुनाव कराना संविधान के जनादेश के विपरीत है ।केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी सुझाव दिया है कि वैकल्पिक रूप से 4 महीने के लिए चुनाव टाल सकता है और 3 महीने के भीतर आयोग से रिपोर्ट मांग सकता है।
बता दे कि हाल ही में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की नीति रही है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। सामाजिक न्याय, समाजिक समरता के साथ सब समाज को लेकर आगे बढ़ते जाना है ।सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण मध्य प्रदेश में लागू किया गया है। अनुसूचित जाति जनजाति को भी न्याया दिया।OBC आरक्षण को भी पंचायत चुनाव में अधिकार है, इसलिए हम कोशिश कर रहे है कि सबको न्याय मिले।
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