वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद ताजमहल के सर्वे की भी मांग उठी है। पक्षकारों का मानना है कि ताजमहल के 22 बंद कमरों को खोला जाना चाहिए, क्योंकि इनमें हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। इसे लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बैंच में एक याचिका भी दायर की गई है। इस बीच पीडीपी की चेयरमैन और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ताजमहल को लेकर बीजेपी को बड़ी चुनौती दे डाली है।
ताजमहल को मंदिर बनाकर दिखाएं
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर दम है तो ताजमहल और लाल किला को मंदिर बना कर दिखाएं फिर देखते हैं कितने लोग भारत में इन्हें देखने आएंगे। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीजेपी लोगों को नौकरियां नहीं दिला पा रही है। महंगाई पर काबू नहीं कर पा रही है। देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है। हमारे देश आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल से भी पीछे जा चुका है। लेकिन इन लोगों को इस बात की कोई फिक्र नहीं है.
महबूबा ने कहा कि लोगों को मुसलमानों के पीछे लगाया जा रहा है। इसमें मस्जिदों से लेकर ताजमहल तक शामिल है। देश का पैसा लूटकर भागने वालों को वापस लाने की बजाए ये लोग मुगल काल में बनाई गईं संपत्तियों को तबाह करना चाहते हैं।
ताजमहल के सर्वे की मांग
ताजमहल में हिन्दू मूर्तियां होने के दावा के साथ लखनऊ बैंच में एक याचिका दायर की गई है। साथ ही ताजमहल का सर्वे कराने की मांग भी की गई है। दावा किया जा रहा है कि ताजमहल पर शिव मंदिर था और इमारत के 22 बंद कमरों में आज भी हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं, इसीलिए इन कमरों को खुलवाने की बात इस याचिका में कही गई है।
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देश में पहले ही ज्ञानपावी मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद गहराया हुआ है. अब ताजमहल को लेकर भी सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी की मांग है कि ज्ञानवापी का सर्वे सही है और इसका सच लोगों के सामने आना चाहिए कि किस तरह से मंदिर को तोड़कर यहां एक मस्जिद बनवाई गई है.
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