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महाराष्ट्र शिक्षण मंडळ के शताब्दी वर्ष का शुभारंभ


जबलपुर । शहर की संस्था महाराष्ट्र शिक्षण मंडल के शताब्दी समारोह का उ‌द्घाटन मुरलीधर मोहोळ, केंद्रीय राज्य मंत्री, नागरिक उड्डयन एवं सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार की गरिमामय उपस्थिती एवं राकेश सिंग , कैबिनेट मंत्री मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। अतिथियों का स्वागत जयंत तनखीवाले, अनिल राजुरकर ने किया. आयोजन में मोहोळ ने कहा कि, एक हिंदी भाषी क्षेत्र में मराठी समाज द्वारा एक शैक्षणिक संस्था 100 वर्षों तक सफलतापूर्वक संचालित करना बड़े गौरव की बात है जबलपुर जिसे संस्कारधानी के नाम से भी जाना जाता है, उसके शैक्षणिक, सामाजिक उन्नयन में मराठी संस्कृति का भी बहुमूल्य योगदान है। प्रारंभ में मंडल एक विद्यालय का संचालन करता था जबकि अब तीन विद्यालय एवं एक महाविद्यालय मंडल द्वारा संचालित हो रहे है । राकेश सिंग ने बताया की 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन कमानिया गेट में झंडा फहराने की घटना का जिक्र करते हुए शाला के 10 वी कक्षा के हुतात्मा गुलाब सिंग के बलिदान का उल्लेख कर उनकी प्रखर देशभक्ति को नमन शिक्षण मंडल की उपलब्धियों की सराहना की । कार्यक्रम में संस्था के पूर्व शिक्षकों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में भाजपा के रत्नेश सोनकर, रिंकू विज, कांग्रेस के अमरीश मिश्रा, भाजपा से राजकुमार पटेल, प्रतिभा भापकर एवं पूर्व न्यान्याधिश प्रकाश नावलेकर उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन डॉक्टर जयंत तनखीवाले जी ने किया। स्वागत भाषण में प्रशांत पोल ने शिक्षण मंडल का इतिहास बताते हुए मंडल की वर्तमान स्थिति एवं शताब्दी वर्ष में आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। शिक्षण संस्थानों से वहां के छात्रों ‌द्वारा एक चल समारोह में भव्य जुलूस निकाला गया. इस चल समारोह में छात्र-छात्राएं कतारबद्ध होकर पैदल कार्यक्रम स्थल तक चले. जुलूस में मोटरसाइ‌किल पर सवार छात्र भगवा ध्वज लेकर रहे उसके पश्चात छात्र छात्राओं ने ट्राली पर छत्रपति शिवाजी महाराज, अजिंक्य योद्धा बाजीराव पेशवे, पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर और वीरांगना रानी दुर्गावती के स्वरूप में प्रतिभाग किया. चल समारोह में संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, संत नामदेव, संत चोखा मेळा, छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु समर्थ रामदास स्वामी आदि महापुरुर्षों एवं स्वतंत्रता आंदोलन के हुतात्मा गुलाब सिंह के पोस्टर विद्यार्थियों के हाथों में थे. चल समारोह में देशभक्ति के गीत एवं नारे लगते रहे.।

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