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माहौता सरपंच एवं सचिव को बचाने पर लगा संरक्षण देने का आरोप




जाँच प्रतिवेदन को डाला गया रद्दी की टोकरी मे चार महीने बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही

जिन्हें होना था जेल मे वो खा रहे मलाई जिला पंचायत की भूमिका संदिग्ध भ्रष्टाचार को खत्म करने के दावे खोखले, जनपद और जिला पंचायत की भूमिका पर उठी उंगली महौता सरपंच एवं प्रभारी सचिव जांच मे पाये गये थे दोषी

हनुमना जनपद के ग्राम पंचायत महौता के सरपंच राजेश कुमार जायसवाल एवं प्रभारी सचिव संदीप कुमार पाण्डेय जांच मे दोषी पाए गए। दोनों पर भ्रष्टाचार सहित अन्य मामलों मे शिकायत हुई थी। खंड पंचायत अधिकारी के पी सिंह एवं पी सी ओ मुनिराज साकेत ने संयुक्त रूप से जांच उपरांत, प्रतिवेदन सौंपा। दोनों पर भ्रष्टाचार सहित अन्य धाराओं में दर्ज होना था आपराधिक प्रकरण।किन्तु जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत पहुंचते ही रद्दी की टोकरी मे डाल दिया गया। जिससे जिला पंचायत की भूमिका पर उंगली उठने लगी है। चार महीने बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ऐसा जिला प्रतीत होता है कि जिला पंचायत भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रहा है। जिससे भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्यवाही करने के जिला पंचायत के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। जबकि मामले की जानकारी सी ई ओ स्वप्निल वानखेड़े को भी है फिर भी आज तक कार्यवाही न होने से ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

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