जबलपुर। मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया पर आर्थिक अपराध शाखा-की ओर से धोकेधोड़ी का मामला दर्ज कर जांच में किए जाने का खुलासा हुआ है। दर्ज एफआइआर में आरोप है कि मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया द्वारा भू-भाटक की राशि डकारते हुए लीज डाक्यूमेंट का पंजीयन नहीं कराया गया। इस तरह से मैथोडिस्ट चर्च इन इण्डिया के पदाधिकारियों द्वारा न तो नजूल की भूमि के पट्टों का पंजीयन कराया गया और न ही भू-भाटक की राशि जमा कराई गई। भू-भाटक की राशि भी थोड़ी बहुत नहीं, बल्कि सात करोड़ बारठ लाख रुपये है। इस मामले में पांच लोगों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
ईओडब्ल्यू एसपी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को प्राप्त शिकायत की जांच, निरीक्षक स्वर्णजीत सिंह धामी से कराई गई। शिकायत में नजूल के ब्लाक नं. 4 के प्लाट नंबर 5 व 8/1 सिविल स्टेशन की भूमि पर शासन की ड्यूटी की चोरी करने एवं भू-भाटक की राशि नहीं जमा करके शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इसके अलावा शिकायत में अवैध तरीके से नजूल की भूमि पर निर्माण कार्य कर शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाने का भी आरोप हैं।शिकायत की जांच में पाया गया कि मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के सेक्रेटरी ने वर्ष 2000 में ब्लाक नं-4 के प्लाट नं-5 के लीज नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया गया था। इस भूमि का रकबा .9666 एकड़ रहा। इस आवेदन पर रांझी के तत्कालीन तहसीलदार ने भूमि का भू-भाटक जमा करने की स्थिति में नवीनीकरण किए जाने की अनुशंसा 8 दिसंबर 2004 को कर दी थी। इसके आधार पर कलेक्टर द्वारा 19 जनवरी 2005 को अपने आदेश में भू-भाटक जमा कराने के उपरांत लीज डाक्यूमेंट का पंजीयन कराने और लीज के नवीनीकरण के आदेश जारी कर दिए गए थे। इसी प्रकार ब्लाक नं-4 के ही प्लाट नं-8/1- जिसका रकबा 2.9838 एकड़ रहा- इसके भी लीज नवीनीकरण के लिए भी इसी तरह से पूरी प्रक्रिया अपनाई गई। इस पर भी कलेक्टर जबलपुर ने 13 दिसंबर 2004 को भू-भाटक की राशि जमा कर लीज नवीनीकरण के आदेश पारित किए थे। लेकिन मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया की ओर से इन दोनों आदेशों के बावजूद न तो भू-भाटक की राशि जमा कराई गई और न लीज का नवीनीकरण कराया गया।
ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया प्रकरण
इस मामले की जांच में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर ईओडब्ल्यू ने मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के रेव जान आरए साइमन, मनीष गीडियन, एमए डेनियल, रविकुमार प्रसाद और एरिक नाथ के विरूद्ध धारा 420 व 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
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