वैक्सीन का टारगेट पूरा करने में लगे अफसर,ग्वालियर बैठे युवक को जबलपुर में लगा वैक्सीन का दूसरा डोज
- News Writer
- Nov 20, 2021
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जबलपुर। वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने में लगे अफसरों पर दबाव साफ देखा जा सकता है। इसी बीच एक अश्चचार्य करने वाली घटना सामना सामने आई जहा एक महीने से ग्वालियर में रह रहे युवक के नाम से जबलपुर में वैक्सीन लग गई। वैक्सीन का दूसरा लगाकर उसे फुली वैक्सीनेट सार्टिफिकेट भी भेज दिया। लेकिन मोबाइल पर सार्टिफिकेट आते ही युवक आश्चर्य चकित हो गया है, क्योंकि उन्होंने अभी वैक्सीन का दूसरा डोज लिया ही नहीं। लेकिन अब उनके सामने वैक्सीन लगवाने का संकट खड़ा हो गया है। जब इस मामले में जबलपुर के वैक्सीनेशन ऑफिसर से पूछताछ की गई तो उनका कहना है कि हो सकता है मोबाइल नंबर गड़बड़ हो गया होगा। वह पूरे मामले की जांच कर रहे है।

यह है पूरा मामला
जबलपुर के गुप्तेश्वर मंदिर के पास इन्द्रा नगर निवासी 27 वर्षीय शिवम शर्मा ग्वालियर की एक प्राइवेट कंपनी में एक्जीक्यूटिव ऑफिसर हैं। एक महीने पहले ही जबलपुर से ग्वालियर उनका ट्रांसफर हुआ है। शिवम ने 16 जून 2021 को वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था। यह वैक्सीन उन्होंने जबलपुर में बेला सिंह स्कूल में लगवाया था। उन्हें कोवीशील्ड वैक्सीन का डोज लगाया गया था। इसके बाद जब उनको सेकेंड डोज लगना था तो ग्वालियर ट्रांसफर हो गया था। बीते एक महीने से शिवम ग्वालियर में ही है। पर 18 नवंबर शाम को उनके मोबाइल पर फुली वैक्सीनेट होने का सार्टिफिकेट आया। जिसमें बताया गया था कि 18 नवंबर को उनको जबलपुर के बेला सिंह स्कूल में बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर पर हेल्थ वर्कर सीमा श्रीवास्तव ने कोवीशील्ड वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया गया है। यह सार्टिफिकेट मोबाइल पर आने के बाद शिवम आश्चर्य चकित रह गए। जब उन्होंने वैक्सीन लगवाई ही नहीं तो कैसे लग गई। शिवम ने बताया कि मैं अभी ग्वालियर में हूं और मुझे जबलपुर में वैक्सीन का दूसरा डोज लगाकर वैक्सीनेट का सार्टिफिकेट भी मिल गया है। जबकि मैंने कोई वैक्सीन नहीं लगवाई है। उन्होंने यह भी बताया कि सार्टिफिकेट आने के बाद उनके पास कन्फर्म करने के लिए जबलपुर से कॉल भी आया।
यह केवल जबलपुर ही नहीं ग्वालियर में भी इस तरह के कई केस समय-समय पर सामने आते रहे हैं। जबलपुर और ग्वालियर दोनों ही जगह वैक्सीनेशन टारगेट पूरा करने का दबाव है। करीब दोनों ही जिलों में 3-3 लाख ऐसे लोग हैं जिनका सेकेंड डोज का समय निकल चुका है, लेकिन वह वैक्सीन लगवाने नहीं आ रहे हैं। इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?
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