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शिवराज कैबिनेट की बड़ी बैठक आज, कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मिलेगी मंजूरी


भोपाल। मध्यप्रदेश में आज शिवराज कैबिनेट की बैठक आयोजित की जाएगी। जहांबैठक में कृषि उपयोग के लिए जमीन पट्टे पर दिए जाने को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। मंगलवार को होने वाली बैठक में राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव पर सरकार बड़ा फैसला लेगी। इसके अलावा भी दो बड़े निर्णय शिवराज सरकार द्वारा लिए जा सकते हैं। दरअसल कृषि उपयोग के लिए जमीन पट्टे पर दिए जाने और उसके स्वामित्व को लेकर मध्य प्रदेश में सरकार ने बड़ा फैसला लिया। जिसके बाद आप लोग अपनी कृषि भूमि को पट्टे पर बेच सकेंगे। 12 साल से इस पर रोक लगी हुई थी। हालांकि विशेष परिस्थिति में कलेक्टर की अनुमति के साथ ही जमीन बेची जाएगी। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इसकी अनिवार्यता को समाप्त किया जा रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता में संशोधन करने के लिए भी कैबिनेट में मंजूरी दी जा सकती है। प्रस्ताव के मुताबिक जो व्यक्ति पट्टे पर जमीन खरीदेगा। उसे बाजार दर के हिसाब से 5% राशि राज्य शासन के खजाने में जमा करनी होगी। वही शिवराज सरकार की बैठक में मायनर माइनिंग के अवैध उत्खनन रोकने के लिए भी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। दरअसल अवैध खनन रोकने के अधिकार राजस्व निरीक्षक उसे वापस लेकर खनिज विभाग को सामने प्रस्ताव पर भी चर्चा की जा सकती है। वहीं प्रदेश के तीन प्रमुख जिलों मैं उत्पादित सौर ऊर्जा को खरीदने की सही तैयारी भी सरकार ने की है। दरअसल 1307 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। इसीलिए मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी की टेंडर प्रक्रिया पर भी विचार किया जाएगा। वही क्रय की जाने वाली बिजली के भुगतान के लिए सरकार के रूप में खुद को तीसरे गारंटर सुनिश्चित करेगी। कैबिनेट में इस मामले पर भी प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। जानकारी की माने तो भूमि के विवादित नामांतरण के केसों में बढ़ोतरी को देखते हुए इसकी तेजी से निराकरण के लिए सरकार साइबर तहसील बनाने पर भी विचार कर रही है। जिसके लिए अलग से तहसीलदार भी नियुक्त किए जा सकते हैं। इस व्यवस्था के साथ खरीदार और बेचने वालों के नामांतरण के लिए अब तहसील कार्यालय आने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। सरकार कैबिनेट की बैठक में इन मुद्दों पर भी विचार करेगी। इस मामले में राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वह विवादित नामांतरण के हजारों मामले राजस्व न्यायालय में उपस्थित नहीं होने की वजह से लंबित पड़े हैं। इसमें विक्रेता की रुचि ना लेने की वजह से मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके तेजी से निराकरण के लिए प्रदेश में सागर तहसील की स्थापना की जाएगी। हालांकि इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा। जिसे 1 या 2 जिले में फिलहाल शुरू किए जाने का प्रस्ताव है। इस मामले में तहसील आवेदन प्राप्त होने के बाद संबंधित को नोटिस जारी करेगा। जिसके बाद कार्य में तेजी देखी जा सकेगी।

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