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'सिरफिरे आशिक' ने लड़की के साथ हस्तक्षेप करने वालो को भी जिंदा जला दिया


इंदौर । इंदौर के स्वर्णबाग में सात लोगों को जिंदा जलाने वाले आरोपी संजय दीक्षित ने एक माह पहले भवन में रहने वालों को जलाने की धमकी दी थी। फिर वह लड़की से लड़ने आया। जब वह पार्किंग में लड़की से लड़ रहा था, तो आगजनी में जान गंवाने वाले ईश्वर सिसोदिया और अन्य निवासियों ने हस्तक्षेप किया और संजय को कॉलोनी से भगा दिया। वहां से जाते हुए वह धमकी देकर चला गया। रविवार को उसने पुलिस रिमांड में यह कबूल किया। बिल्डिंग में आग लगने से सात लोगों की मौत के गुनाहगार को फांसी की सजा मिले इसलिए 20 दिन में चालान पेश करने का लक्ष्‍य रखा गया है।


डीसीपी के मुताबिक आरोपित के खिलाफ कड़े सबूत मिले हैं। आधी विवेचना पूर्ण हो चुकी है। केस को चिन्हित प्रकरणों में शामिल किया गया है। आरोपित को फांसी की सजा हो इसलिए 20 दिन के भीतर चालान पेश करने का टारगेट रखा है। वहीं आगजनी में मृत ईश्वर के रिश्तेदार भी दोपहर को बयान देने पहुंचे और कहा केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाना चाहिए। आरोपित ने सात बेकसूरों की जान ली है। उसको मृत्युदंड की सजा मिलनी चाहिए। स्वजन पुलिस-प्रशासन और फायर ब्रिगेड को भी दोषी ठहरा रहे है। उन्होंने कि फायर ब्रिगेड एक घंटे देरी से आई थी। सात लोगों की मौत के गुनाहगार संजय दीक्षित को हर कोई नफरत भरी नजरों से देख रहा है। दोपहर को उसे कोर्ट पेश किया तो लोग उसकी तरफ देख कोसते रहे। इसके पूर्व थाना में एक युवती ने भीड़ में घुसकर चांटा जड़ दिया। यह युवती आरोपित की प्रेमिका की बहन थी जो थाने में बैठी बहन से मिलने आई थी। उसने टीआइ तहजीब काजी के सामने ही थप्पड़ मारा और चिल्लाते हुए पूछा कि तुझे एसा कर के क्या मिला। जिस युवती से आरोपित का प्रेम प्रसंग चल रहा था उसकी मां मुस्लिम है और उसने तीन शादियां की हैं। पहली शादी रमेश कश्यप नामक व्यक्ति से हुई थी और युवती उसी की संतान है। रमेश से रिश्ता तोड़ने के बाद दो शादियां की और मोती तबेला में रहने वाले भाई के साथ रहने लगी। फिलहाल वह खजराना क्षेत्र में रहती है।


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