जबलपुर। अभावों में ही सृजन के फूल खिलते है" यह वाक्य पूर्णतः चरितार्थ होता है सी एम् राइज मेडिकल स्कूल पर। गढ़ा क्षेत्र का यह विद्यालय लगभग 50 वर्ष पूर्व मेडिकल कॉलेज में कार्यरत तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों और इस क्षेत्र में रहने वाले कुम्हार समुदाय के बच्चो और भेडाघाट, लम्हेटा घाट जैसे दूरदराज से आने वाले बच्चो को उत्तम शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।
यू तो विद्यालय ने काफी कीर्तिमान स्थापित किये और अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता को बनाये रखा किन्तु समय के साथ प्राइवेट स्कूल के प्रति समुदाय का आकर्षण बढता चला गया। इस विद्यालय ने भी धीरे धीरे अपना आकर्षण खो दिया और यह विद्यालय औपचारिक तौर पर चलता रहा। इसके बाद वर्ष 2020 -21 में सी एम् राइज विद्यालय के रूप में इसे जबलपुर जिले में चुना गया। फिर क्या था प्राचार्य श्रीमती किरण राव और उप प्राचार्य शेलेश कुमार पाठक ने इस स्कूल का पुराना वैभव लौटाने का संकल्प ले लिया। उनकी इस मुहीम में जब चार चाँद लग गये जब चयनित शिक्षकों का आगमन हुआ और फिर लगातार विश्लेषण और अनगिनत मीटिंग्स के जरिये विद्यालय के इन्फ्रास्ट्रक्चर और अकादमिक टीमो को बनाकर उन्हें टास्क सौपे गए।
काफी गहन खोज के बाद सभी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्षेत्र के बच्चे पढाई में भले ही औसत दर्जे के हों, किन्तु वे अन्य गतिविधियों में बाकी बच्चों से बेहद आगे हैं। बस यही एक सूत्र पकड़कर शिक्षकों ने सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और साहित्यिक कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओ के जरिये छात्रो में स्कूल के प्रति आकर्षण को बढाया और इससे विद्यालय में छात्रो की उपस्थिति में वृद्धि हुई। छात्रो में अध्यापन के प्रति रुझान बढ़ा और इसका परिणाम यह हुआ कि दो वर्षों में ही विद्यालय के अकादमिक वातावरण में चमत्कारिक सुधार हुआ। छात्रो की उपस्थिति में वृद्धि हुई, पालको और स्थानीय समुदाय का विद्यालय के प्रति विश्वास और भरोसा मजबूत हुआ।
विज्ञान मेला, बाल मेला, जादू नहीं विज्ञान है, भारतीय संकृति ज्ञान परीक्षा, एन सीसी, स्काउट, खेलकूद, अनुगूँज, बेसलाइन, एंडलाइन टेस्ट, विज्ञान मंथन यात्रा, जिज्ञासा, ओजस क्लब, सभी राष्ट्रीय पर्वो के आयोजन, गांधी जयंती, गणित दिवस, तुलसी जयंती, प्रतिदिन होने वाली बूस्टर प्रार्थना का आयोजन आदि कार्यक्रमों के जरिये छात्रो की अन्तर्निहित प्रतिभाओं को उजागर करने और सवारने के कार्यों के चलते छात्रो के आत्मविश्वास में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। बच्चों के निरंतर उपस्थित होने पर अकादमिक शिक्षकों की टीम ने उन्हें प्रेम, करुणा और धैर्य से सतत अध्यापन कार्य करवाया। यही कारण रहा की विद्यालय का हाई स्कूल परीक्षा परिणाम जो वर्ष 2021 में 28 प्रतिशत था वह वर्ष 2024 में बढ़कर 89 प्रतिशत हो गया। साथ ही इस वर्ष विद्यालय के कक्षा 12वीं के कॉमर्स के एक छात्र ने राज्य स्तरीय मेरिट सूची में भी स्थान बनाया।
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