top of page
Writer's pictureNews Writer

स्मार्ट सिटी बनाने के चक्कर में बची कुची सड़के भी हो रही कंडम, ठेका कंपनी चला रही अपनी ही मर्जी


जबलपुर। स्मार्ट सिटी बनाने के चक्कर में बची कुची सड़के को भी कर रहे कंडम। जहां स्मार्ट सिटी के नाम पर जगह जगह खुदाई करके छोड़ दिया जाता है या फिर एक ही जगह को बार-बार खुदा जाता है जिसकी वजह से बाकी सड़के भी बुरी तरह खराब हो रही है। वही स्मार्ट सिटी बनाने वाली ठेका कंपनी भी अपनी मर्जी चला रही है, पिछले कई महीनों से स्मार्ट सिटी का ही रास्ता खराब पड़ा है तो हम शहर को स्मार्ट बनने की मंजा कैसे रख सकते हैं, हैरानी तो इस बात की है कि स्मार्ट सिटी अधिकारी भी इन मामलों को नजर अंदाज कर रहे हैं और नगर निगम के अधिकारी तो देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं यह खुदी सड़के लोगों के लिए खतरा बन रही है। एक ही जगह की बार-बार खुदाई

शहर की किसी भी सड़क पर एक बार में काम पूरा ही नहीं होता है, बार-बार एक ही जगह को खोदा जाता है या तो कहीं पर पाइपलाइन डालना भूल जाते हैं या बिजली के तार डालना भूल जाते हैं जिसके कारण लाखों रुपए भी बर्बाद हो रहे हैं। पर इससे ठेका कंपनीयों को क्या मतलब है उन्हें तो पैसे से मतलब है।


खुले में बड़ी सामग्री

एक तरफ स्मार्ट सिटी कार्यालय की सड़क खुदी है तो वहीं दूसरी ओर गोलबाजार के पास चल रहे कंस्ट्रक्शन में जिन सामग्रियों का उपयोग होता है उसे लापरवाही से खुले में ही छोड़ दिया जाता है।

आम जनता बहुत ही

इन सड़कों की खुदाई से आम नागरिकों को हो रही है परेशानियां, क्योंकि इन सड़कों की वजह से लोगों को दूसरे रास्ते तय करने पड़ते हैं। जिसकी वजह से लोगों का समय पेट्रोल सभी बर्बाद हो रहा है वही लोगों को बहुत परेशानियां हो रही हैं।

जान का खतरा बन रहा स्मार्ट प्रोजेक्ट

स्मार्ट सिटी के नाम पर जगह-जगह सड़कों को खोदकर बड़े-बड़े गड्ढे करके उसे खुला छोड़ देते हैं जहां राँड सरिया आदि खुले में पड़ी रहती है लोहे की सामग्री जिससे हादसे का खतरा लोगों के लिए बना हुआ हैं यदि एक हादसे होते हैं तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा ?

आखिर क्यों नहीं हो पा रहे हैं एक बार में सड़कों के काम। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट सच में शहर को स्मार्ट बनाने के लिए है या केवल लाखों का घोटाला करने के लिए स्मार्ट सिटी का कार्य हो रहा है क्योंकि स्मार्ट सिटी के नाम पर केवल हर जगह सड़के खुदी ही दिख रही है कोई काम होता तो दिखाई नजर नहीं आ रहा है, जिसमें केवल पैसे ही बर्बाद हो रहे हैं। अब बची कुची सड़कें भी खराब हो रही हैं।



1 view0 comments

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page