जबलपुर। मध्य प्रदेश में अतिक्रमणकारियों के अवैध कब्जों पर चलाये जा रहे बुलडोजर को रोकने के लिए एक याचिका लगाई गई । जिसको एमपी हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ना तो पीड़ित है और ना उसका इससे सीधा कोई सम्बन्ध है इसलिए याचिकाकर्ता का ये मामला सुनवाई योग्य नहीं है।दंगाई, गुंडे, बाहुबली या यूँ कहें ऐसे लोग जो समाज की शांति भंग करते हैं उनके द्वारा किये गए अतिक्रमण पर मध्य प्रदेश की सरकार बुलडोजर चला रही है। एंटी माफिया अभियान के तहत ये कार्यवाही प्रदेश में जारी है। पिछले दिनों खरगोन में हुए दंगों के बाद इसमें और तेजी आई। इस कार्रवाई के खिलाफ विपक्ष खड़ा हो गया है और इस कार्रवाई को कानून के विरुध्द बता रहा है।
देश के तमाम न्यूज चैनल और असदुद्दीन ओवैसी जैसे बड़े मुस्लिम नेता भी इसे गैरकानूनी और एक पक्षीय कार्यवाही बता रहे हैं, इस बीच बुलडोजर का मामला हाई कोर्ट पहुँच गया। एडवोकेट अमिताभ गुप्ता ने जबलपुर हाई कोर्ट में इसके खिलाफ एक जनहित याचिका लगाई।
जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता न तो पीड़ित है और ना उसका इससे कोई सीधा सम्बन्ध है। इसलिए याचिकाकर्ता का ये मामला सुनवाई योग्य नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि अगर किसी के साथ गलत हो रहा है तो वो खुद न्यायिक प्रक्रिया को अपनाएं , ये उनका अधिकार है। कोर्ट में वो अपने अधिकारो की लड़ाई खुद लड़े।
आपको बता दें कि याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट अमिताभ गुप्ता ने दलील दी थी कि सरकार की बुलडोजर कार्रवाई से मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। इससे आम जनता में भय का माहौल बन रहा है। लेकिन हाई कोर्ट ने इसे सुनवाई योग्य नहीं माना।
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